माँ बगलामुखी पूजन – जमना गुरु | माँ बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा

शत्रु विनाश

चाणक्य के अनुसार शत्रु दो प्रकार के होते है। एक शत्रु वे जो दिखाई देते हैं और दूसरे वे जो दिखाई नहीं देते हैं। दोनों ही प्रकार के शत्रुओं को लेकर व्यक्ति को सर्तक और सावधान रहना चाहिए। ऐसे शत्रुओं का माँ बगलामुखी के तंत्र से परास्त कर उनका विनाश कर देना ही उचित है।

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